हम और हमारी शिक्षा

शिक्षा कोई सलाद नहीं है। थाली में परोसा गया भोजन है लेकिन सलाद नहीं है तो चलेगा जैसी स्थिति भयावह है। शिक्षा एक पौष्टिक खुराक है। यही खुराक यदि अत्यल्प…

कारागारों का भी अपना इतिहास होता है

भारत में लगभग एक हजार चार सौ कारागार हैं। तीन लाख छासठ हजार बन्दियों की धारण क्षमता हैं। सीधा-सा अर्थ लगाया जा सकता है कि एक कारागार में 260 सजायाफ्ता…

भय लगता है…!

संवैधानिक मूल्य संविधान की आत्मा हैं। मानव शरीर में हर अंग खास है लेकिन सभी अंगों का संचालन मस्तिष्क करता है। यदि मस्तिष्क में विकार आ जाए तो शरीर का…

देवतात्मा नहीं विज्ञान ही बचाएगा जोशीमठ को

भारत की साक्षरता दर से अधिक साक्षरता होने पर भी उत्तराखण्डी अपनों से ही बार-बार छले जाते रहे हैं। आज भी एक बड़ा काकस सोशल मीडिया में प्रार्थनाओं की दुहाई…

देवतात्मा नहीं विज्ञान ही बचाएगा जोशीमठ को

भारत की साक्षरता दर से अधिक साक्षरता होने पर भी उत्तराखण्डी अपनों से ही बार-बार छले जाते रहे हैं। आज भी एक बड़ा काकस सोशल मीडिया में प्रार्थनाओं की दुहाई…

बारा बानी व्यक्ति जो मुर्तसिम उकेरक चितेरा चित्रकार आर्टिस्ट पेन्टर भी है

रोशन मौर्य ‘‘मैं बार-बार टूटा। कई बार गिरा। बहुत बार असहाय हो गया। हर बार कला ने जोड़ा। उठाया। सहारा दिया। मूझे चूर-चूर होने से बचाया। आज जीवन में थोड़ा-सा…

साथ पन्द्रह बरस का

आज इक्कीस अक्तूबर है। पिछले चार दिनों ने उत्तराखण्ड सहित कई सूबों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जान-माल की क्षति भी हुई है। हम कुछ दिन प्रकृति के इस…

मीड डे मील पर आधारित नाटक : भोजन वाला स्कूल

पात्रसूत्रधार एक- गुरूसूत्रधार दो- चेला(पहला दृश्य){चेले का प्रवेश, गुरू पान चबाने के भाव में संवाद करेगा। गुरू-चेला संवाद भाव-अभिनय में शिक्षक-शिष्य से इतर चलेंगे।}चेला: गुरू प्रणाम।गुरू: जीता रे चेले, जीता…