मीडिया मरता जा रहा है: दिनेश जुयाल

-मनोहर चमोली ‘मनु’ वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सम्पादक दिनेश जुयाल ने कहा कि मीडिया के मरते जाने के कई मामले हैं। मीडिया अति का शिकार हो चुका है। स्थितियाँ जनसरोकारों…

हम और हमारी शिक्षा

शिक्षा कोई सलाद नहीं है। थाली में परोसा गया भोजन है लेकिन सलाद नहीं है तो चलेगा जैसी स्थिति भयावह है। शिक्षा एक पौष्टिक खुराक है। यही खुराक यदि अत्यल्प…

कारागारों का भी अपना इतिहास होता है

भारत में लगभग एक हजार चार सौ कारागार हैं। तीन लाख छासठ हजार बन्दियों की धारण क्षमता हैं। सीधा-सा अर्थ लगाया जा सकता है कि एक कारागार में 260 सजायाफ्ता…

भय लगता है…!

संवैधानिक मूल्य संविधान की आत्मा हैं। मानव शरीर में हर अंग खास है लेकिन सभी अंगों का संचालन मस्तिष्क करता है। यदि मस्तिष्क में विकार आ जाए तो शरीर का…

देवतात्मा नहीं विज्ञान ही बचाएगा जोशीमठ को

भारत की साक्षरता दर से अधिक साक्षरता होने पर भी उत्तराखण्डी अपनों से ही बार-बार छले जाते रहे हैं। आज भी एक बड़ा काकस सोशल मीडिया में प्रार्थनाओं की दुहाई…

देवतात्मा नहीं विज्ञान ही बचाएगा जोशीमठ को

भारत की साक्षरता दर से अधिक साक्षरता होने पर भी उत्तराखण्डी अपनों से ही बार-बार छले जाते रहे हैं। आज भी एक बड़ा काकस सोशल मीडिया में प्रार्थनाओं की दुहाई…

बारा बानी व्यक्ति जो मुर्तसिम उकेरक चितेरा चित्रकार आर्टिस्ट पेन्टर भी है

रोशन मौर्य ‘‘मैं बार-बार टूटा। कई बार गिरा। बहुत बार असहाय हो गया। हर बार कला ने जोड़ा। उठाया। सहारा दिया। मूझे चूर-चूर होने से बचाया। आज जीवन में थोड़ा-सा…