उम्मीद,आशा और भरोसा लेकर ‘अब पहुँची हो तुम’

-मनोहर चमोली ‘मनु’महेश चंद्र पुनेठा कृत कविता कविता संग्रह ‘अब पहुँची हो तुम’ उपलब्ध है। एक सौ सत्रह कविताएँ इस संग्रह में है। पृष्ठों की संख्या एक सौ चैबीस है।…

शिक्षण में बाल साहित्य को बाधा के तौर पर देखने वालों की कमी नहीं हैं: गुरबचन सिंह

-मनोहर चमोली ‘मनु’ बाल साहित्य के अध्येता गुरबचन सिंह जी ने कहा,‘‘हम आज अपने प्रिय विषयों के साथ बात करेंगे। इस दशक को छोड़ दें तो बाल साहित्य की भूमिका…

जीवन का टेक्स्ट कर्सर

काश! जीवन का भी कोई बैकस्पेस बटन होता। मैं उसे दबाए रखता। तब तक दबाए रखता जब तक जीवन का टेक्स्ट कर्सर मुझे मेरी आठवीं कक्षा तक नहीं पहुँचाता। मैं…

ज़रूरी हस्ताक्षर हैं हिन्दी बाल साहित्य में श्रीप्रसाद

हिन्दी बाल साहित्य में श्रीप्रसाद ज़रूरी हस्ताक्षर हैं। उन्होंने बाल साहित्य को परम्परा,भाव,बोध और आनंद के नाम पर उम्दा रचनाएं दी हैं। बाल साहित्य हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा। पद्य…

‘बाल झरोखे से हँसती-गुदगुदाती कहानियाँ

सुधा भार्गव साहित्य जगत में लम्बे समय से सक्रिय हैं। मौन साधक हैं। पत्र-पत्रिकाओं में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराती रहती हैं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत से उनकी दो कृतियाँ-‘जब…

‘जब मैं छोटी थी’ में दिखेगा बचपन

'जब मैं छोटी थी' -मनोहर चमोली ‘मनु’ सुधा भार्गव कृत संस्मरणनुमा बाल उपन्यास ‘जब मैं छोटी थी’ डाक से मिला। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने इसे प्रकाशित किया है। जानी-मानी लेखिका…

किताबें और मज़बूत होकर लौटेंगी : सुशील शुक्ल

हिन्दी साहित्य में सुशील शुक्ल चिर-परिचित नाम है। उनकी कविताएँ और कहानियाँ दिल को छू लेती हैं। उनकी रचनाएँ पढ़ते हुए लगता है कि इस दुनिया में ग़म और खुशी…