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मैं भी दूंगा दाना
-मनोहर चमोली ‘मनु’ आज से मासिक परीक्षा हैं। यह सोचकर अखिल जल्दी उठ गया। उसे चिड़ियों की चहचहाट सुनाई दी। वह आंगन में गया। आगन में करतार सिंह चावल के दाने बिखेर रहे…
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मजाक अब नहीं
गर्मी बहुत थी। इतनी गर्मी कि पेड़ों के पत्ते भी झुलस गए थे। गिद्ध ने अपने डैने फैलाये तो साँप बोल पड़ा,‘‘बारिश नहीं हुई। पानी के बिना जीवन नहीं। कई हैं जो मर…
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ऐसे मिला सबक
एक दिन की बात है। चूहे की माँ बोली,‘‘हमें अपने दाँतों को पैना रखना पड़ता है। लगातार कुछ न कुछ कुतरना होता है। तुम हो कि आलस करते हो। माना कि भर-पेट खाना…
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छोड़ दिया फुदकना
तब बिल्ली मेढक की तरह फुदकती थी। जब वह चलती तो उसके पैरों से टक-टक की आवाज आती। घोड़ा कई बार बिल्ली से कहता,‘‘दूर-दूर तक सबको पता चल जाता है कि तुम आ…
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भूख से आगे
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘स्कूल की फुटबाॅल और खो-खो टीम के लिए अच्छी ख़बर है। हम एक बार फिर से राज्य के लिए खेलेंगे। क्या पता! अगर राज्य में ये टीमें जीत गईं तो हो…
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सोचना सबके बारे में
-मनोहर चमोली ‘मनु’आज से मासिक परीक्षा हैं। यह सोचकर अखिल जल्दी उठ गया। उसे चिड़ियों की चहचहाट सुनाई दी। वह आंगन में गया। आगन में करतार सिंह चावल के दाने बिखेर रहे थे।…
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कैसी गलती किसकी गलती?
-मनोहर चमोली ‘मनु’आभा की आँखें भर आईं। वह सोचने लगी,‘एक तो मैंने स्वरा पर हाथ उठाया। फिर उसे वाॅशरूम में बंद कर दिया।’ वह याद करने लगी कि हाथ उठाने की नौबत क्यों…