गढ़वाली लोक कहन
जै की डरवुई नि घरमुंड निसऐंच पैर ( जिसकी डरवह नहीं घरसिर नीचेऊपर पैर )
जै की डरवुई नि घरमुंड निसऐंच पैर ( जिसकी डरवह नहीं घरसिर नीचेऊपर पैर )
शैक्षिक दख़ल : पुस्तकालय सकारात्मक जीवन जीने की ख़ुराक है-मनोहर चमोली ‘मनु’न्यायालय में कोई फरियादी शायद ऐसा न गया हो जिसने गुहार लगाई हो कि अमुक व्यक्ति की वजह से…
अभिजीत सेनगुप्ता कृत रिंटू और उसका कंपास पारंपरिक बाल कहानी का घेरा तोड़ती है। रिंटू छुट्टियों में अपने माता - पिता के साथ किसी समुद्र किनारे है ! उसके पिता…
भारत की साक्षरता दर से अधिक साक्षरता होने पर भी उत्तराखण्डी अपनों से ही बार-बार छले जाते रहे हैं। आज भी एक बड़ा काकस सोशल मीडिया में प्रार्थनाओं की दुहाई…
भारत की साक्षरता दर से अधिक साक्षरता होने पर भी उत्तराखण्डी अपनों से ही बार-बार छले जाते रहे हैं। आज भी एक बड़ा काकस सोशल मीडिया में प्रार्थनाओं की दुहाई…
रोशन मौर्य ‘‘मैं बार-बार टूटा। कई बार गिरा। बहुत बार असहाय हो गया। हर बार कला ने जोड़ा। उठाया। सहारा दिया। मूझे चूर-चूर होने से बचाया। आज जीवन में थोड़ा-सा…
-मनोहर चमोली ‘मनु’संयम के कई उदाहरण सुनने-देखने और पढ़ने को मिलते रहे हैं। सुनते हैं कि चटोरे लोग भी संयम बरतने के तरीके अपनाते हैं। जीभ में धागा बाँधना एक…
कथक नृत्यांगना वर्षा दासगुप्ता ने कहा कि भारत की कला, संगीत और नृत्य के परम्परागत घराने सिमटते जा रहे हैं। आज ज़रूरत इस बात की है कि बाल्यकाल से ही…
कक्षा छह,सात,आठ,दस और ग्यारह के विद्यार्थियों में वय वर्ग की विविधता रचनात्मक कार्यो में कैसे उपयोगी हो? कैसे वे एक-साथ एक-दूसरे को सहयोग करें? कैसे भागीदारी में दायरा बढ़ाएं और…
-मनोहर चमोली ‘मनु’इन दिनों व्यंग्य के नाम पर दूसरों की खिल्ली उड़ाना और नीचा दिखाना एक शगल बन गया है। व्यक्तिपरक और जातिगत व्यंग्य के नाम पर केन्द्रित पाठक क्षोभ…