कविता: आम की टोकरी के बहाने बड़ों से कुछ बातें

भाषाओं की पाठ्य पुस्तक में शामिल साहित्य बच्चों को आनंदित करे। इस बात का ख्याल रखा ही जाना चाहिए। पहली कक्षा में शामिल साहित्य को दूसरी, तीसरी....ही नहीं बारहवीं कक्षा…

बंद किया माँगना

वसंत आया तो जंगल हरा-भरा हो गया। फूलों और फलों से रंगीन हो गया। एक तितली फूलों पर मंडरा रही थी। भालू नदी की ओर जा रहा था। उसने तितली…

आम की टोकरी

छह साल की छोकरी,भरकर लाई टोकरी। टोकरी में आम हैं,नहीं बताती दाम है। दिखा-दिखाकर टोकरी,हमें बुलाती छोकरी। हम को देती आम है,नहीं बुलाती नाम है। नाम नहीं अब पूछना,हमें आम…

उड़ना हुआ बंद

पुरानी बात है। तब मछली आसमान में भी उड़ती थी। मन करता तो पानी में तैरने लग जाती। पशु क्या और पक्षी क्या! सब मछली को चाहते थे। वह पशुओं…

ठीक हूँ

नदी किनारे एक चूहा डरा हुआ था। कछुए ने पूछा तो वह बोला,‘‘जान बचाना आसान नहीं है।’’ जिराफ बोला,‘‘मुझे देखो। मैं बिल में छिप नहीं सकता।’’ हाथी ने कहा,‘‘मैं उछल-कूद…

रजाई

चींटी घर से बहुत दूर चली आई।अचानक बारिश होने लगी।भीगने के कारण उसे जाड़ा लगने लगा था।कपास के पौधे ने कहा,‘‘मेरी रुई में आ जाओ।’’चींटी ने ऐसा ही किया।थकान के…

बात एक बूंद की

बादल बरसने वाले थे।एक बूंद रोने लगी। बादल ने पूछा तो वह बोली,‘‘मैं हाथी की एक आँख भी गीली नहीं कर सकूंगी।मैं अकेली, भला किस काम की?’’बादल बोला,‘‘राई के बीजों…

बड़ा हुआ छोटा

तब गिनती एक से नौ ही हुआ करती थी। एक दिन वे बहस करने लगे। दो, चार, छह, आठ अलग हो गए। एक, तीन, पांच, सात और नौ हैरान थे।…