चींटी घर से बहुत दूर चली आई।
अचानक बारिश होने लगी।
भीगने के कारण उसे जाड़ा लगने लगा था।
कपास के पौधे ने कहा,‘‘मेरी रुई में आ जाओ।’’
चींटी ने ऐसा ही किया।
थकान के कारण चींटी सो गई।
पौधे ने शाम को जगाया।
चींटी घर लौट आई।
कपास की रजाई मुझे ख़ूब भाई।
उसने यह बात सबको बताई।
-मनोहर चमोली ‘मनु’