नदी किनारे एक चूहा डरा हुआ था।
कछुए ने पूछा तो वह बोला,‘‘जान बचाना आसान नहीं है।’’
जिराफ बोला,‘‘मुझे देखो। मैं बिल में छिप नहीं सकता।’’
हाथी ने कहा,‘‘मैं उछल-कूद भी नहीं सकता।’’
मछली बोली,‘‘मैं जल से बाहर नहीं आ सकती।’’
चूहा हँसने लगा। बोला,‘‘जैसा हूँ ठीक हूँ।’’
अब सब नाचने लगे।
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-मनोहर चमोली ‘मनु’