पंछी हुए फुर्र
कांटेदार पेड़ पर चिडि़या घोंसला बनाने में जुटी हुई थी। पेड़ में एक कोटर था। कोटर में सांप रहता था। वह चिडि़या को निगलने की ताक में था। एक चूहा…
कांटेदार पेड़ पर चिडि़या घोंसला बनाने में जुटी हुई थी। पेड़ में एक कोटर था। कोटर में सांप रहता था। वह चिडि़या को निगलने की ताक में था। एक चूहा…
‘‘पौ फटते ही जाते हो और अंधेरा होने पर लौटते हो।’’‘‘हम अपनी माँ को जानते तक नहीं।’’‘‘हमारे नाम तक नहीं हैं।’’‘‘हम बड़ी हो चुकी हैं।’’‘‘हम लायक हैं। हमें काम चाहिए।’’‘‘अब…
पाठशाला भीतर और बाहर तिमाही पत्रिका है। इसे अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय,बंेगलुरु प्रकाशित करता है। बाल साहित्य के बिना अधूरी है बच्चों की शिक्षा विषय पर सहभागी होने का मुझे भी…
जीनत स्कूल से लौटी। नया स्कूल। नई किताबें। नया बैग। आज बहुत सारी नई चीज़ें आईं थीं। नए जूते और नए मोजे भी आए थे। जीनत ने जूते उतारे। फिर…
किसी परिवार का एक सदस्य नहीं, दो नहीं....बल्कि सभी के सभी कोरोना पॉजीटिव हो जाएं तो चिंतित होना स्वाभाविक था। ................... बशीर बद्र साहब को कहाँ पता था कि उनका…
गिलहरी उचककर पैरों में खड़ी हो गई। बुदबुदाई,‘‘सांप, नेवला, खरगोश और मेढ़क एक साथ हैं! कोई तो वहां है।’’ गिलहरी दबे पांव चलना जानती थी। वह वहां जा पहुंची, जहां…
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘हाँ भई। मनोहर का के। अठारह अठे?’’ रतन गुरुजी ने मुझसे पूछा। वह हमेशा हम बच्चों के नाम के आगे ‘का’ और ‘के’ जरूर लगाते थे। यह उनका…
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘माही भूत है! भूत!’’ सिया चीखी। रवि ने बिजली जला दी। कमला भी जाग गई। माही ने आँखें मींचते हुए सिया से कहा,‘‘दीदी आपको हर जगह भूत ही…
हाल ही में एक संगोष्ठी में जाने का अवसर मिला। देश भर के कथित नामचीन साहित्यकार जुटे थे। अच्छा लगा। कुछ साहित्यकारों ने घर बैठे इंटरनेटी मंच से अपनी बात…
‘‘मनोहर चमोली जी बोल रहे हैं?’’ ‘‘नमस्कार ! जी बोल रहा हूँ।’’‘‘जी, नमस्ते। मैं ABCD । xyz प्रकाशन का नाम तो सुना होगा आपने?’’‘‘जी जी। क्यों नहीं ! इस पब्लिकेशन…