बाल साहित्य : कहानियों के सन्दर्भ में
नर्सरी की मेधा को टीचर अग्रेजी का जी बनाना सीखा रही है। झल्लाकर मैडम ने कहा-‘‘मेधा। तूने तो मेरा दिमाग ही चाट दिया।’’ मेधा उठती है और मैडम का माथा…
नर्सरी की मेधा को टीचर अग्रेजी का जी बनाना सीखा रही है। झल्लाकर मैडम ने कहा-‘‘मेधा। तूने तो मेरा दिमाग ही चाट दिया।’’ मेधा उठती है और मैडम का माथा…
कोविड 19 ! जी हाँ। याद रहेगा। जनवरी 2020 में हम लोग इसे इतनी गंभीरता से नहीं ले रहे थे। लेकिन ट्रम्प नमस्ते कार्यक्रम के बाद हलकेपन ने करवट बदली…
आम की टोकरी‘छह साल की छोकरी,भरकर लाई टोकरी।टोकरी में आम हैं,नहीं बताती दाम है।दिखा-दिखाकर टोकरी,हमें बुलाती छोकरी।हम को देती आम है,नहीं बुलाती नाम है।नाम नहीं अब पूछना,हमें आम है चूसना।यह…
-मनोहर चमोली ‘मनु’साहित्य और संस्कृति की मासिक पत्रिका धाद का ग्यारहवाँ अंक बुक स्टॉल पर मिला। अपनी प्रति की प्राप्ति का धैर्य न रख सका। खरीदकर सबसे पहला काम यह…
ऐसे बदली नाक की नथ: 2005, पृष्ठ संख्या-20, प्रकाशक: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,नई दिल्लीऐसे बदला खानपुर: 2006, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशक: राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ शिक्षा) 68/1,सूर्यलोक कॉलोनी,राजपुर रोड,देहरादून।सवाल दस रुपए का…
तुम्हारा आनाजैसे महकती हवाचमकती सुबहफूल का खिलनाचिडि़या का चहकना तुम्हारा जानापत्तों का गिरनाशाम का ढलनामन उदास होनानदी का मौन बहना अब जब भी आनाजाने के लिए मत आना।
-मनोहर चमोली ‘मनु’सूचना तकनीक के इस युग में भी पत्र-पत्रिकाओं की बाढ़-सी आई हुई हैं। मेरी सीमित जानकारी में ही चालीस से अधिक ऐसी पत्रिकाएँ हैं जो बच्चों के लिए…