‘नया साल, कोरोना और हम’
किसी परिवार का एक सदस्य नहीं, दो नहीं....बल्कि सभी के सभी कोरोना पॉजीटिव हो जाएं तो चिंतित होना स्वाभाविक था। ................... बशीर बद्र साहब को कहाँ पता था कि उनका…
किसी परिवार का एक सदस्य नहीं, दो नहीं....बल्कि सभी के सभी कोरोना पॉजीटिव हो जाएं तो चिंतित होना स्वाभाविक था। ................... बशीर बद्र साहब को कहाँ पता था कि उनका…
गिलहरी उचककर पैरों में खड़ी हो गई। बुदबुदाई,‘‘सांप, नेवला, खरगोश और मेढ़क एक साथ हैं! कोई तो वहां है।’’ गिलहरी दबे पांव चलना जानती थी। वह वहां जा पहुंची, जहां…
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘हाँ भई। मनोहर का के। अठारह अठे?’’ रतन गुरुजी ने मुझसे पूछा। वह हमेशा हम बच्चों के नाम के आगे ‘का’ और ‘के’ जरूर लगाते थे। यह उनका…