कैसी कविता ? किसकी कविता?

मम्मी मेरा ब्याह करा देछोटी सी दुलहनियां ला देअंगुली पर मैं उसे नचाऊँबात न माने मार लगाऊँघोड़ी पर मुझको बिठला देमम्मी मेरा ब्याह करा देमाँ तुझको आराम कराऊँहाथ पैर तेरे…

और वे लौट आईं

-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘हम कब बाहर जाएँगे?’’ नन्हीं चींटी ने माँ से पूछा। माँ ने जवाब दिया, ‘‘अभी नहीं।’’ चींटा बोला,‘‘बच्चों, बाहर की दुनिया ही अलग है। बहुत बड़ी है। वहाँ…

ज़रूरी किताब : पूडि़यों की गठरी

-मनोहर चमोली ‘मनु’,पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखण्डपूडि़यों की गठरी सुनकर मुंह में पानी तो नहीं आ गया? वैसे पूडी हो या गोल गप्पे या आम की चटनी ! बहुत से बच्चों को ये…