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पास था फेल बताया
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘हाँ भई। मनोहर का के। अठारह अठे?’’ रतन गुरुजी ने मुझसे पूछा। वह हमेशा हम बच्चों के नाम के आगे ‘का’ और ‘के’ जरूर लगाते थे। यह उनका तकिया कलाम था।…
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भूत था क्या !!
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘माही भूत है! भूत!’’ सिया चीखी। रवि ने बिजली जला दी। कमला भी जाग गई। माही ने आँखें मींचते हुए सिया से कहा,‘‘दीदी आपको हर जगह भूत ही दिखाई देता है।…
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फिर नहीं ललकारा
बैडी सियार को इन दिनों पहलवानी का शौक चढ़ा था। उसने अच्छी-खासी रकम देकर जंबों हाथी से पहलवान के गुर भी सीख लिए थे। जंबों हाथी ने एक दिन बैडी सियार से कहा-‘‘अब…
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‘किस्सा गुनगुनी धूप का’
-मनोहर चमोली ‘मनु’ बात उन दिनों की है जब धूप को बुलाना पड़ता था। जो बुलाता, धूप वहीं चली आती। इस भाग-दौड़ में वह थक जाती। मौका मिलता तो वह सो जाती। इस…
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ऐसे बना भारत
‘दिल्ली चलो।’ यह समाचार जिसने सुना, वह चल पड़ा था। पंजाब राज्य ने पूछा-‘‘आप कौन?’’ तमिलनाडु ने जवाब दिया-‘‘मुझे तमिलनाडु कहते हैं। भरत नाट्यम मेरे यहां फलता-फूलता है।’’ पंजाब ने बताया-‘‘मैं पंजाब हूं।…
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और वे लौट आईं
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘हम कब बाहर जाएँगे?’’ नन्हीं चींटी ने माँ से पूछा। माँ ने जवाब दिया, ‘‘अभी नहीं।’’ चींटा बोला,‘‘बच्चों, बाहर की दुनिया ही अलग है। बहुत बड़ी है। वहाँ हरियाली है। रोशनी…
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अब मछली नहीं उड़ती
-मनोहर चमोली ‘मनु’ बहुत पुरानी बात है। मछली का मन करता तो वह दूर आसमान में जा उड़ती। तैरने का मन करता तो नदी के अंदर चली जाती। एक दिन बगुले का जोड़ा…
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छोटी जो बड़ी वो
रिनछिन के पेंसिल बॉक्स में मिटनी, छिलनी और पेंसिल थी। रिनछिन ने दो और नई पेंसिल खरीदी। नई पेंसिलों को भी उसने बॉक्स में रख दिया। एक नई पेंसिल बोली-‘‘मैं लाली हूं। ये…