स्कूल की छुट्टी हुई। सभी स्कूल गेट की ओर बढ़ रहे थे। अभेद परेशान सा दिख रहा था। रेहाना ने पूछा, तो उसने घबराते हुए बताया, “अगले हफ्ते से एग्जाम हैं, डर लग रहा है।”

यह सुनकर रेहाना हंस पड़ी, “लगता है, तुम एग्जामोफोबिया के शिकार हो गए हो। मंथली टेस्ट में भी तुम ऐसे ही डरे हुए थे। मार्क्स तो अच्छे ही आए थे तुम्हारे। फिर डर कैसा?” अखिल ने चिढ़ाते हुए कहा, “यह ऐसा ही है। जब कभी हम स्कूल के लिए थोड़ा लेट हो जाते हैं, तब भी यह ऐसा ही घबरा जाता है। इसका कुछ नहीं हो सकता।”

एक के बाद एक सारे दोस्त अभेद को चिढ़ाने लगे, तो रेहाना ने बात बदलते हुए कहा, “बहुत हो गया। तुम सब इसे सपोर्ट करने की जगह इसका मजाक उड़ा रहे हो। अच्छे दोस्त ऐसा नहीं करते।” दूसरे दिन स्कूल में लंच ब्रेक हुआ, तो बच्चे मस्ती करने लगे। अभेद चुपचाप एक कोने में अकेला बैठा था। रेहाना ने पूछा, तो अभेद ने कहा, “एग्जाम डेट सुनने के बाद से मेरा तो खाने का मन ही नहीं है। मुझे तो आज रात नींद भी नहीं आएगी।”

रेहाना पहले तो मुसकराई, फिर धीरे से बोली, “क्या तुम शाम को मेरे घर आ सकोगे? मेरे पास एक जादुई माचिस है।” अभेद ने पूछा, “जादुई माचिस?” रेहाना ने कहा, “हां! उसे मेरे अब्बू को उनके अब्बू ने दी थी। वह करिश्मा करती है। लेकिन उस जादुई माचिस को भूलकर भी किसी को न दिखाना और न ही उसे खोलना। चुपचाप उसे अपने स्कूल बैग में रख लेना।” अभेद मुसकरा उठा। खुशी से बोला, “रेहाना, तुम कितनी अच्छी हो। क्या वाकई उस जादुई माचिस से मेरी परेशानी दूर हो जाएगी?” रेहाना आंखें मटकाकर बोली, “यह तुम्हें जादुई माचिस रखने के बाद ही पता चलेगा।” अभेद ने कहा, “ठीक है, मैं छुट्टी के बाद तुम्हारे साथ तुम्हारे घर चलूंगा।” तभी घंटी बजी, सब अपनी क्लास में चले गए। छुट्टी हुई, तो अभेद रेहाना के साथ उसके घर चला आया। माचिस देते हुए रेहाना बोली, “मेरी बात तुम्हें याद है न? कल मुझे स्कूल में वापस कर देना।”

अभेद ने खुश होकर हां में सिर हिलाया।

अगले दिन सुबह रेहाना स्कूल गेट पर खड़ी थी। तभी अभेद दौड़ता हुआ आया और माचिस लौटाते हुए बोला, “कमाल हो गया, कल मैंने भरपेट डिनर भी किया और मुझे बढि़या नींद भी आई।” रेहाना ने माचिस बैग में रखते हुए कहा, “मैंने कहा था न, यह जादुई माचिस है। अब चलो।” दोनों क्लास की ओर चल पड़े। दो-तीन दिन सब ठीक रहा। फिर एक दिन अभेद को परेशान देख, रेहाना ने पूछा, “अब क्या हुआ? तुम फिर परेशान हो क्या?”

अभेद ने धीरे से कहा, “क्या करूं? पहला ही पेपर मैथ्स का है। मैथ्स से मुझे बहुत डर लगता है।” रेहाना ने मुसकराते हुए कहा, “बस इतनी सी बात। घबराओ मत। बिलाल सर कह रहे थे कि हमें यदि कोई परेशानी हो, तो हम उनसेे पूछ सकते हैं। वह हमारी सहायता करेंगे।” अभेद ने कहा, “वह तो है। पर मैं ठीक से तैयारी नहीं कर पा रहा हूं। बस मैथ्स का पेपर किसी तरह से निपट जाए।” रेहाना ने कहा, “अब हो भी क्या सकता है? कल ही तो मैथ्स का पेपर है। तुम बस रिवीजन करो न।” अभेद ने कहा, “हो क्यों नहीं सकता? मैं शाम को तुम्हारे घर आ रहा हूं। प्लीज। बस, आज रात के लिए मुझे वह जादुई माचिस और दे दो।” रेहाना ने धीरे से कहा, “ठीक है, लेकिन यह अंतिम बार है। वादा करो कि घर जाते ही खूब अभ्यास करोगे। एक-एक चैप्टर का रिवीजन करोगे। करोगे न?” अभेद बोला, “अभ्यास तो मैं कर ही रहा हूं। लेकिन घबराहट है कि जा ही नहीं रही है।” शाम को अभेद रेहाना के घर जाकर माचिस की डिबिया ले गया। सुबह वह फिर स्कूल पहुंचा, तो रेहाना उसे स्कूल गेट पर ही मिल गई।

अभेद बोला, “यह लो रेहाना। कमाल हो गया। मैंने देर रात तक रिवीजन किया। मैं सुबह जल्दी भी उठ गया। थैंक्स रेहाना।” दोनों क्लास की ओर चल पड़े। पेपर खत्म हुआ, तो रेहाना ने अभेद से पूछा, “एग्जाम कैसा हुआ?” अभेद मुसकराते हुए बोला, “बहुत अच्छा।” “अच्छा ही होना चाहिए। सभी एग्जाम की जमकर तैयारी करो। मैं भी कर रही हूं।” कहकर रेहाना घर चली गई। आखिरी पेपर देने के बाद अभेद स्कूल गेट पर खड़ा था। रेहाना को देखकर वह बोला, “मैं आज शाम फिर तुम्हारे घर आ रहा हूं।”

रेहाना हंस पड़ी, “क्यों? अब तो एग्जाम खत्म हो गए हैं।” अभेद ने धीरे से कहा, “तीन दिन की छुट्टी है। फिर रिजल्ट भी तो है। मैं घबराया हुआ हूं। जादुई माचिस ही मुझे शांत रखेगी। प्लीज! मना मत करना। मैं उसे रिजल्ट के दिन वापस ले आऊंगा। इसके बाद फिर कभी नहीं मांगूगा।” रेहाना हंस पड़ी। अभेद शाम को माचिस की डिबिया ले गया। तीन दिन बाद स्कूल खुला। अभेद ने माचिस की डिबिया रेहाना को पकड़ा दी। रेहाना ने पूछा, “छुट्टियां कैसी रहीं?” अभेद ने जवाब दिया, “एकदम मस्त। तीन दिन की छुट्टियां चुटकियों में बीत गईं।” रेहाना ने माचिस की डिबिया बैग में रखते हुए कहा, “जल्दी चलो। लगता है, रिजल्ट एनाउंस होने लगे हैं।”

दोनों ग्राउंड की ओर भागे। वहां दोनों एनाउंसमेंट में अपना नाम सुनकर ठिठक गए। रेहाना मुसकराई। कहने लगी, “अभेद! सुना तुमने! टॉप टेन लिस्ट में तुम्हारा नाम भी पुकारा गया है।” अभेद खुशी से उछल पड़ा। कहने लगा, “यह सब जादुई माचिस का कमाल है।” रेहाना को जोर-जोर से हंसते देख अभेद चुप हो गया। रेहाना ने कहा, “यह सिंपल माचिस थी। जादू कहीं नहीं होता। वह तो हमारे अंदर होता है। यदि तुम टॉप टेन में शामिल हुए हो, तो सिर्फ और सिर्फ अपनी मेहनत और लगन से।” अभेद कुछ नहीं बोला। बस चुपचाप वह उस माचिस की डिबिया को देख रहा था, जिसे रेहाना टुकड़े-टुकड़े कर फेंक रही थी।

APRIL 2020 Nandan

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By manohar

परिचयः मनोहर चमोली ‘मनु’ जन्मः पलाम,टिहरी गढ़वाल,उत्तराखण्ड जन्म तिथिः 01-08-1973 प्रकाशित कृतियाँ ऐसे बदली नाक की नथः 2005, पृष्ठ संख्या-20, प्रकाशकः राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,नई दिल्ली ऐसे बदला खानपुरः 2006, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ शिक्षा) 68/1,सूर्यलोक कॉलोनी,राजपुर रोड,देहरादून। सवाल दस रुपए का (4 कहानियाँ)ः 2007, पृष्ठ संख्या-40, प्रकाशकः भारत ज्ञान विज्ञान समिति,नई दिल्ली। उत्तराखण्ड की लोककथाएं (14 लोक कथाएँ)ः 2007, पृष्ठ संख्या-52, प्रकाशकः भारत ज्ञान विज्ञान समिति,नई दिल्ली। ख्खुशीः मार्च 2008, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ शिक्षा) 68/1,सूर्यलोक कॉलोनी,राजपुर रोड,देहरादून बदल गया मालवाः मार्च 2008, पृष्ठ संख्या-12, प्रकाशकः राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ शिक्षा) 68/1,सूर्यलोक कॉलोनी,राजपुर रोड,देहरादून पूछेरीः 2009,पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,नई दिल्ली बिगड़ी बात बनीः मार्च 2008, पृष्ठ संख्या-12, प्रकाशकः राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ शिक्षा) 68/1,सूर्यलोक कॉलोनी,राजपुर रोड,देहरादून अब बजाओ तालीः 2009, पृष्ठ संख्या-12, प्रकाशकः राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ शिक्षा) 68/1,सूर्यलोक कॉलोनी,राजपुर रोड,देहरादून। व्यवहारज्ञानं (मराठी में 4 कहानियाँ अनुदित,प्रो.साईनाथ पाचारणे)ः 2012, पृष्ठ संख्या-40, प्रकाशकः निखिल प्रकाशन,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। अंतरिक्ष से आगे बचपनः (25 बाल कहानियाँ)ः 2013, पृष्ठ संख्या-104, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-81-86844-40-3 प्रकाशकः विनसर पब्लिशिंग कम्पनी,4 डिसपेंसरी रोड,देहरादून। कथाः ज्ञानाची चुणूक (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः उलटया हाताचा सलाम (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः पुस्तके परत आली (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः वाढदिवसाची भेट (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः सत्पात्री दान (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः मंगलावर होईल घर (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः सेवक तेनालीराम (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः असा जिंकला उंदीर (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः पिंपलांच झाड (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः खरं सौंदर्य (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः गुरुसेवा (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः खरी बचत (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ 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नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः सेवा हाच धर्म (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः खोटा सम्राट (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः ई साईबोर्ग दुनिया (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। कथाः पाहुण्यांचा सन्मान (मराठी में अनुदित)ः 2014, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशकः नारायणी प्रकाशन, कादंबरी,राजारामपुरी,8वीं गली,कोल्हापूर,महाराष्ट्र। जीवन में बचपनः ( 30 बाल कहानियाँ)ः 2015, पृष्ठ संख्या-120, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-81-86844-69-4 प्रकाशकः विनसर पब्लिशिंग कम्पनी,4 डिसपेंसरी रोड,देहरादून। उत्तराखण्ड की प्रतिनिधि लोककथाएं (समेकित 4 लोक कथाएँ)ः 2015, पृष्ठ संख्या-192, प्रकाशकः समय साक्ष्य,फालतू लाइन,देहरादून। रीडिंग कार्डः 2017, ऐसे चाटा दिमाग, किरमोला आसमान पर, सबसे बड़ा अण्डा, ( 3 कहानियाँ ) प्रकाशकः राज्य परियोजना कार्यालय,उत्तराखण्ड चित्र कथाः पढ़ें भारत के अन्तर्गत 13 कहानियाँ, वर्ष 2016, प्रकाशकः प्रथम बुक्स,भारत। चाँद का स्वेटरः 2012,पृष्ठ संख्या-24,पिक्चर बुक, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-81038-40-6 प्रकाशकः रूम टू रीड, इंडिया। बादल क्यों बरसता है?ः 2013,पृष्ठ संख्या-24,पिक्चर बुक, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-81038-79-6 प्रकाशकः रूम टू रीड, इंडिया। जूते और मोजेः 2016, पृष्ठ संख्या-24,पिक्चर बुक, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-84697-97-6 प्रकाशकः रूम टू रीड, इंडिया। अब तुम गए काम सेः 2016,पृष्ठ संख्या-24,पिक्चर बुक, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-84697-88-4 प्रकाशकः रूम टू रीड, इंडिया। चलता पहाड़ः 2016,पृष्ठ संख्या-24,पिक्चर बुक, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-84697-91-4 प्रकाशकः रूम टू रीड, इंडिया। बिल में क्या है?ः 2017,पृष्ठ संख्या-24,पिक्चर बुक, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-86808-20-2 प्रकाशकः रूम टू रीड, इंडिया। छस छस छसः 2019, पृष्ठ संख्या-24,पिक्चर बुक, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-89202-63-2 प्रकाशकः रूम टू रीड, इंडिया। कहानियाँ बाल मन कीः 2021, पृष्ठ संख्या-194, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-91081-23-2 प्रकाशकः श्वेतवर्णा प्रकाशन,दिल्ली पहली यात्रा: 2023 पृष्ठ संख्या-20 आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-5743-178-1 प्रकाशक: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत कथा किलकारी: दिसम्बर 2024, पृष्ठ संख्या-60, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-92829-39-0 प्रकाशक: साहित्य विमर्श प्रकाशन कथा पोथी बच्चों की: फरवरी 2025, पृष्ठ संख्या-136, विनसर पब्लिकेशन,देहरादून, उत्तराखण्ड, आई॰एस॰बी॰एन॰ 978-93-93658-55-5 कहानी ‘फूलों वाले बाबा’ उत्तराखण्ड में कक्षा पाँच की पाठ्य पुस्तक ‘बुराँश’ में शामिल। सहायक पुस्तक माला भाग-5 में नाटक मस्ती की पाठशाला शामिल। मधुकिरण भाग पांच में कहानी शामिल। परिवेश हिंदी पाठमाला एवं अभ्यास पुस्तिका 2023 में संस्मरण खुशबू आज भी याद है प्रकाशित पावनी हिंदी पाठ्यपुस्तक भाग 6 में संस्मरण ‘अगर वे उस दिन स्कूल आते तो’ प्रकाशित। (नई शिक्षा नीति 2020 के आलोक में।) हिमाचल सरकार के प्रेरणा कार्यक्रम सहित पढ़ने की आदत विकसित करने संबंधी कार्यक्रम के तहत छह राज्यों के बुनियादी स्कूलों में 13 कहानियां शामिल। राजस्थान, एस.सी.ई.आर.टी द्वारा 2025 में विकसित हिंदी पाठ्यपुस्तक की कक्षा पहली में कहानी ‘चलता पहाड़’ सम्मिलित। राजस्थान, एस.सी.ई.आर.टी द्वारा 2025 में विकसित हिंदी पाठ्यपुस्तक की कक्षा चौथी में निबंध ‘इसलिए गिरती हैं पत्तियाँ’ सम्मिलित। बीस से अधिक बाल कहानियां असमियां और बंगला में अनुदित। गंग ज्योति पत्रिका के पूर्व सह संपादक। ज्ञान विज्ञान बुलेटिन के पूर्व संपादक। पुस्तकों में हास्य व्यंग्य कथाएं, किलकारी, यमलोक का यात्री प्रकाशित। ईबुक ‘जीवन में बचपन प्रकाशित। पंचायत प्रशिक्षण संदर्शिका, अचल ज्योति, प्रवेशिका भाग 1, अचल ज्योति भाग 2, स्वेटर निर्माण प्रवेशिका लेखकीय सहयोग। उत्तराखण्ड की पाठ्य पुस्तक भाषा किरण, हँसी-खुशी एवं बुराँश में लेखन एवं संपादन। विविध शिक्षक संदर्शिकाओं में सह लेखन एवं संपादन। अमोली पाठ्य पुस्तक 8 में संस्मरण-खुशबू याद है प्रकाशित। उत्तराखण्ड के शिक्षा विभाग में भाषा के शिक्षक हैं। वर्तमान में: रा.इं.कॉ.कालेश्वर,पौड़ी गढ़वाल में नियुक्त हैं। सम्पर्कः गुरु भवन, पोस्ट बॉक्स-23 पौड़ी, पौड़ी गढ़वाल.उत्तराखण्ड 246001.उत्तराखण्ड. मोबाइल एवं व्हाट्सएप-7579111144 #manoharchamolimanu #मनोहर चमोली ‘मनु’

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