गोली-टॉफी वाला राक्षस
रंजीत लाल कृत ‘गोली-टॉफ़ी वाला राक्षस’ यथार्थ और कल्पना का मिला-जुला समिश्रण है। जो है और जो नहीं है को मिलाकर रंजीत लाल ने यह साबित किया है कि खट्टी-मिट्ठी…
रंजीत लाल कृत ‘गोली-टॉफ़ी वाला राक्षस’ यथार्थ और कल्पना का मिला-जुला समिश्रण है। जो है और जो नहीं है को मिलाकर रंजीत लाल ने यह साबित किया है कि खट्टी-मिट्ठी…
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किताब: राजा जो कंचे खेलता थाद किंग हू प्लेयड मारबल का हिन्दी अनुवाद राजा जो कंचे खेलता था चौंकाने वाला शीर्षक है। हालांकि मात्र किताब का टाइटल देखकर ऐसा लगता…
सोचने-विचारने वाली किताबों की ज़रूरत है ‘‘बेटी तुम घर से भाग कर तो नहीं आई हो?’’कहानी के आरम्भ में यह सवाल उठता है. पाठक के मन में यह विचार कौंधता…
प्रख्यात कार्टूनिस्ट-चित्रकार आबिद सुरती का एक किरदार ढब्बूजी की धमक किताब का आवरण देखकर धर्मयुग की यादें ताज़ा हो गई। ढब्बूजी एक किरदार था। इसे प्रख्यात कार्टूनिस्ट-चित्रकार आबिद सुरती जी…
दुखां दी कटोरी सुखां दा छल्ला -मनोहर चमोली ‘मनु’ कथाकार रूपा सिंह की कहानी ‘दुखां दी कटोरी सुखां दा छल्ला’ पढ़ी। हंस का अंक मार्च 2020 में यह प्रकाशित हुई…
सोलह कथाएँ 214 पन्नों में विस्तार लिए हुए हैं। मज़ेदार बात यह है कि रंगीन चित्र पूरे पेज पर समाहित हैं। काग़ज़ बेहद उम्दा है। सफेद है। फोंट भी आकर्षक…
-मनोहर चमोली ‘मनु’महेश चंद्र पुनेठा कृत कविता कविता संग्रह ‘अब पहुँची हो तुम’ उपलब्ध है। एक सौ सत्रह कविताएँ इस संग्रह में है। पृष्ठों की संख्या एक सौ चैबीस है।…
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