इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता

'इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता। कब से मैं नक़ाबों की तहें खोल रहा हूँ।' जी हाँ। सुनीता उन्हीं में से एक है। जिन्हें इंसान पहचानने आते हैं।…

सामाजिक मनोदशा की नब्ज़ टटोलते हैं रामेंद्र कुशवाहा

जीना इसी का नाम: कथा संग्रह कहानीकार रामेन्द्र कुशवाहा की चौथी किताब कहानी संग्रह है। किताब का शीर्षक ‘जीना इसी का नाम’ है। महाराष्ट्र के मुंबई से हिन्दी में किताब…

वैश्विक शान्ति एवं एकता के लिए लेखन

अणुव्रत लेखक मंच का विस्तारीकरण बीते दिनों अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी ने लेखक सम्मेलन का आयोजन किया। यह दो दिवसीय आयोजन नंदनवन, मुंबई में हुआ। तय कार्यक्रम और विचार गोष्ठी…

दीनदयाल शर्मा : बहुमुखी प्रतिभा के धनी

-मनोहर चमोली ‘मनु’ एक आदमी खुद को कितना अद्यतन रख सकता है? एक समय ऐसा आता है कि वह समझौता कर लेता है। ठूँठ होने लगता है। वहीं नवाचारी, उत्साही…

समीर गांगुली की रचनाओं में भारत दिखाई देता है

एक मुलाकात : बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं समीर गांगुली समीर गांगुली साहित्य जगत में जाना-पहचाना नाम है। अड़सठ वर्षीय समीर मुंबई में रहते हैं। बाल साहित्य लेखन में कई…

भावनाओं, संवेदनाओं और संभावनाओं से भरा व्यक्तित्व: मोहन चौहान

अगर कहीं मिलती बन्दूकउसको मैं करता दो टूकनली निकाल बना पिचकारीरंग देता यह दुनिया सारी।यह कविता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की है। यह भावना दुनिया के उन चंद लोगों के लिए…