कक्षा में बातचीत की खिड़कियाँ हैं साहित्य

कन्हैया लाल मत्त की एक कविता सिर्फ चार पँक्तियों की है। चरखा बोला चर्रक चूँ/बुढ़िया के सिर पर है जूँ/आ बुढ़िया साबुन मल दूँ/जूँ की कर दूँ धम्मक धूँ। यह…

बाल साहित्य: कैसी हों आज की बाल कहानियां

-मनोहर चमोली ‘मनु’छह साल की रिमझिम पापा से कहानी सुन रही थी। ‘टीनू रात को बाहर घूम रहा है। अंधेरा है। एक पेड़ ने थप्पड़ मारते हुए टीनू से कहा-‘‘तुम…

बहुसंख्यक पाठकों का प्रतिनिधित्व है ‘लल्ला और बिट्टी’ की कहानियों में।

-मनोहर चमोली ‘मनु’युवा साहित्यकार एवं पत्रकार शिव मोहन यादव की बाल कहानियों का संग्रह ‘लल्ला और बिट्टी’ पाठकों के लिए उपलब्ध है। लखनऊ के लोकोदय प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह…

बाल पत्रिका: साल 2021 में नई आहट पायस की

-मनोहर चमोली ‘मनु’पायस यानि खीर ! दूध में पकाया हुआ चीनी या मीठा से चावलयुक्त एक बहुपसंदीदा व्यजंन है। ऐसा कौन-सा बच्चा होगा जिसे खीर पसंद न हो। पायस ऑनलाइन…

कैसी कविता ? किसकी कविता?

मम्मी मेरा ब्याह करा देछोटी सी दुलहनियां ला देअंगुली पर मैं उसे नचाऊँबात न माने मार लगाऊँघोड़ी पर मुझको बिठला देमम्मी मेरा ब्याह करा देमाँ तुझको आराम कराऊँहाथ पैर तेरे…

ज़रूरी किताब : पूडि़यों की गठरी

-मनोहर चमोली ‘मनु’,पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखण्डपूडि़यों की गठरी सुनकर मुंह में पानी तो नहीं आ गया? वैसे पूडी हो या गोल गप्पे या आम की चटनी ! बहुत से बच्चों को ये…

इक्कीसवीं सदी का बाल साहित्य: कहानियों के सन्दर्भ में

पिछले बारह दशक में हिन्दी बाल साहित्य के इतिहास की कई उपलिब्धयां रही हैं। आज दर्जनों बाल पत्रिकाएं बाजार में उपलब्ध हैं। सैकड़ों बाल साहित्यकार बाल साहित्य लिख रहे हैं।…