तुम्हारा आना और जाना

तुम्हारा आनाजैसे महकती हवाचमकती सुबहफूल का खिलनाचिडि़या का चहकना तुम्हारा जानापत्तों का गिरनाशाम का ढलनामन उदास होनानदी का मौन बहना अब जब भी आनाजाने के लिए मत आना।

पाठक, लेखक और संपादक सबके दायित्व गूँथे हुए हैं

-मनोहर चमोली ‘मनु’सूचना तकनीक के इस युग में भी पत्र-पत्रिकाओं की बाढ़-सी आई हुई हैं। मेरी सीमित जानकारी में ही चालीस से अधिक ऐसी पत्रिकाएँ हैं जो बच्चों के लिए…