आम की टोकरी
छह साल की छोकरी,भरकर लाई टोकरी। टोकरी में आम हैं,नहीं बताती दाम है। दिखा-दिखाकर टोकरी,हमें बुलाती छोकरी। हम को देती आम है,नहीं बुलाती नाम है। नाम नहीं अब पूछना,हमें आम…
छह साल की छोकरी,भरकर लाई टोकरी। टोकरी में आम हैं,नहीं बताती दाम है। दिखा-दिखाकर टोकरी,हमें बुलाती छोकरी। हम को देती आम है,नहीं बुलाती नाम है। नाम नहीं अब पूछना,हमें आम…
पुरानी बात है। तब मछली आसमान में भी उड़ती थी। मन करता तो पानी में तैरने लग जाती। पशु क्या और पक्षी क्या! सब मछली को चाहते थे। वह पशुओं…
नदी किनारे एक चूहा डरा हुआ था। कछुए ने पूछा तो वह बोला,‘‘जान बचाना आसान नहीं है।’’ जिराफ बोला,‘‘मुझे देखो। मैं बिल में छिप नहीं सकता।’’ हाथी ने कहा,‘‘मैं उछल-कूद…
चींटी घर से बहुत दूर चली आई।अचानक बारिश होने लगी।भीगने के कारण उसे जाड़ा लगने लगा था।कपास के पौधे ने कहा,‘‘मेरी रुई में आ जाओ।’’चींटी ने ऐसा ही किया।थकान के…
बादल बरसने वाले थे।एक बूंद रोने लगी। बादल ने पूछा तो वह बोली,‘‘मैं हाथी की एक आँख भी गीली नहीं कर सकूंगी।मैं अकेली, भला किस काम की?’’बादल बोला,‘‘राई के बीजों…
तब गिनती एक से नौ ही हुआ करती थी। एक दिन वे बहस करने लगे। दो, चार, छह, आठ अलग हो गए। एक, तीन, पांच, सात और नौ हैरान थे।…
पापा हैं?पापा तो आज ही पटियाला गए हैं।ओह! तुम्हारा बड़ा भाई तो होगा? उसे बुला दो।वो तो काॅलेज गया है। तो मम्मी को ही बुला दो!मम्मी चाची के साथ बाज़ार…
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल का यह अंक आज हमारे हाथ में हैं। बात जनवरी 2020 की है। हम सब कोविड 19 की ख़बरों को देख-सुनकर परेशान हुए थे। फिर फरवरी…
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल के इस अंक के लिए बाल- साहित्य का चयन चुनौतीपूर्ण रहा। तीव्रता के साथ समाज ऐसा बन रहा है जहाँ शारीरिक श्रम के प्रति संकीर्ण नज़रिया…
कन्हैया लाल मत्त की एक कविता सिर्फ चार पँक्तियों की है। चरखा बोला चर्रक चूँ/बुढ़िया के सिर पर है जूँ/आ बुढ़िया साबुन मल दूँ/जूँ की कर दूँ धम्मक धूँ। यह…