बात एक बूंद की
बादल बरसने वाले थे।एक बूंद रोने लगी। बादल ने पूछा तो वह बोली,‘‘मैं हाथी की एक आँख भी गीली नहीं कर सकूंगी।मैं अकेली, भला किस काम की?’’बादल बोला,‘‘राई के बीजों…
बादल बरसने वाले थे।एक बूंद रोने लगी। बादल ने पूछा तो वह बोली,‘‘मैं हाथी की एक आँख भी गीली नहीं कर सकूंगी।मैं अकेली, भला किस काम की?’’बादल बोला,‘‘राई के बीजों…
तब गिनती एक से नौ ही हुआ करती थी। एक दिन वे बहस करने लगे। दो, चार, छह, आठ अलग हो गए। एक, तीन, पांच, सात और नौ हैरान थे।…
पापा हैं?पापा तो आज ही पटियाला गए हैं।ओह! तुम्हारा बड़ा भाई तो होगा? उसे बुला दो।वो तो काॅलेज गया है। तो मम्मी को ही बुला दो!मम्मी चाची के साथ बाज़ार…
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल का यह अंक आज हमारे हाथ में हैं। बात जनवरी 2020 की है। हम सब कोविड 19 की ख़बरों को देख-सुनकर परेशान हुए थे। फिर फरवरी…
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल के इस अंक के लिए बाल- साहित्य का चयन चुनौतीपूर्ण रहा। तीव्रता के साथ समाज ऐसा बन रहा है जहाँ शारीरिक श्रम के प्रति संकीर्ण नज़रिया…
कन्हैया लाल मत्त की एक कविता सिर्फ चार पँक्तियों की है। चरखा बोला चर्रक चूँ/बुढ़िया के सिर पर है जूँ/आ बुढ़िया साबुन मल दूँ/जूँ की कर दूँ धम्मक धूँ। यह…
-मनोहर चमोली ‘मनु’रिमझिम-1 पहली कक्षा के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक है। पूरे पाँच बरस का पक्के बच्चों के लिए यह बेहतरीन किताब है। आवरण में बारिश हो रही है। हाथी,बन्दर,चूज़े,बत्तख,बिल्ली…
दुनिया को पाठकों के सामने रखने की ताकत साहित्य में है। अनुमान और कल्पना के सहारे भी संवेदना को बचाए और बनाए रखने का अनूठा काम साहित्य ही करता है।…
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल अब हर अंक में बाल पाठकों को ध्यान में रखते हुए सरल और सहज साहित्य भी प्रकाषित करेगा। यह ज़रूरी भी है। आज जो बच्चे हैं…
पात्रसूत्रधार एक- गुरूसूत्रधार दो- चेला(पहला दृश्य){चेले का प्रवेश, गुरू पान चबाने के भाव में संवाद करेगा। गुरू-चेला संवाद भाव-अभिनय में शिक्षक-शिष्य से इतर चलेंगे।}चेला: गुरू प्रणाम।गुरू: जीता रे चेले, जीता…