किताब : रूपवती वासिलीसा, रूस की लोक कथाएँ
सोलह कथाएँ 214 पन्नों में विस्तार लिए हुए हैं। मज़ेदार बात यह है कि रंगीन चित्र पूरे पेज पर समाहित हैं। काग़ज़ बेहद उम्दा है। सफेद है। फोंट भी आकर्षक…
सोलह कथाएँ 214 पन्नों में विस्तार लिए हुए हैं। मज़ेदार बात यह है कि रंगीन चित्र पूरे पेज पर समाहित हैं। काग़ज़ बेहद उम्दा है। सफेद है। फोंट भी आकर्षक…