परी सब ठीक कर देगी

-मनोहर चमोली ‘मनु’ जिया अपना तकिया कलाम कैसे भूल सकती है! जतिन और लता यही सोच रहे थे। जिया ने कहा था,‘‘पता नहीं। अब क्या होगा?’’ उसने अपना रिपोर्ट काॅर्ड…

माचिस की डिबिया

स्कूल की छुट्टी हुई। सभी स्कूल गेट की ओर बढ़ रहे थे। अभेद परेशान सा दिख रहा था। रेहाना ने पूछा, तो उसने घबराते हुए बताया, “अगले हफ्ते से एग्जाम…

बाल साहित्य: कैसी हों आज की बाल कहानियां

-मनोहर चमोली ‘मनु’छह साल की रिमझिम पापा से कहानी सुन रही थी। ‘टीनू रात को बाहर घूम रहा है। अंधेरा है। एक पेड़ ने थप्पड़ मारते हुए टीनू से कहा-‘‘तुम…

कभी अलविदा नहीं हमारे केआर !

‘‘मनोहर नमस्ते! मैं के॰आर॰शर्मा! कैसे हो?’’ कालू राम शर्मा जी का यह तकिया कलाम था। याद नहीं कि मैं उन्हें कम से जानता रहा हूँ। शायद बीस-इक्कीस साल का परिचय…

फूलों वाले बाबा

बहुत पुरानी बात है। पहाड़ में एक गाँव था। गाँव में पानी का एक ही स्रोत था। गाँव वाले इसे धारा कहते थे। समूचा जन-जीवन इसी धारा के सहारे टिका…

बाल-साहित्य : भाग्य, किस्मत,कुण्डली बनाम तकनीक, विज्ञान और ज्ञान !

कोविड 19 ! जी हाँ। याद रहेगा। जनवरी 2020 में हम लोग इसे इतनी गंभीरता से नहीं ले रहे थे। लेकिन ट्रम्प नमस्ते कार्यक्रम के बाद हलकेपन ने करवट बदली…

मेरी उलझन

‘‘बड्डन भाई नमस्ते।’’ राखी नेे भाई को फोन किया। बलदेव सबसे बड़ा था। बचपन में उसे प्यार से बड्डन कहते थे। मनोज मंझला था, तो प्यार-दुलार में उसे मुंज्जे कहा…

पंछी हुए फुर्र

कांटेदार पेड़ पर चिडि़या घोंसला बनाने में जुटी हुई थी। पेड़ में एक कोटर था। कोटर में सांप रहता था। वह चिडि़या को निगलने की ताक में था। एक चूहा…