एक स्वीकारोक्ति : इन दिनों हुए माहौल के सन्दर्भ में

कुछ ढील कहूँ या खुद में शऊर की कमी राजकीय शिक्षक हुए उन्नीस साल हुए जाते हैं। राजकीय इसलिए जोड़ा कि खुद राजकीय विद्यालयों में पढ़ा। मुझे अच्छे शिक्षक नहीं…

रेखाओं से इस दुनिया को हसीन बनाती अनुप्रिया

जन्मदिन की शुभकामनाएँ ! कोई कैसे एक साथ माँ, पत्नी, कवयित्री, दोस्त, लेखक और चित्रकार हो सकता है? आप कह सकते हैं क्यों नहीं? मुझे एक बात और जोड़नी है…