-
बाल साहित्य और स्कूल में शिक्षण
बाल साहित्य से शिक्षण कार्य हो सकता है। यह भाषा का शिक्षक तो जानता भी है और अक्सर वह अपने वादन में पाठ्य पुस्तक से इतर के बाल साहित्य की चर्चा करता भी…
-
‘नया साल, कोरोना और हम’
किसी परिवार का एक सदस्य नहीं, दो नहीं….बल्कि सभी के सभी कोरोना पॉजीटिव हो जाएं तो चिंतित होना स्वाभाविक था। ………………. बशीर बद्र साहब को कहाँ पता था कि उनका ये शेर 2020…
-
भाग्य, किस्मत, कुण्डली बनाम तकनीक, विज्ञान, ज्ञान
कोविड 19 ! जी हाँ। याद रहेगा। जनवरी 2020 में हम लोग इसे इतनी गंभीरता से नहीं ले रहे थे। लेकिन ट्रम्प नमस्ते कार्यक्रम के बाद हलकेपन ने करवट बदली और हम गंभीर…
-
कोई शब्द बुरा कैसे हो सकता है: कविता के बहाने
आम की टोकरी‘छह साल की छोकरी,भरकर लाई टोकरी।टोकरी में आम हैं,नहीं बताती दाम है।दिखा-दिखाकर टोकरी,हमें बुलाती छोकरी।हम को देती आम है,नहीं बुलाती नाम है।नाम नहीं अब पूछना,हमें आम है चूसना।यह कविता रामकृष्ण शर्मा…
-
पाठक, लेखक और संपादक सबके दायित्व गूँथे हुए हैं
-मनोहर चमोली ‘मनु’सूचना तकनीक के इस युग में भी पत्र-पत्रिकाओं की बाढ़-सी आई हुई हैं। मेरी सीमित जानकारी में ही चालीस से अधिक ऐसी पत्रिकाएँ हैं जो बच्चों के लिए साहित्य छापती हैं।…