सहज बनाता साहित्य
दुनिया को पाठकों के सामने रखने की ताकत साहित्य में है। अनुमान और कल्पना के सहारे भी संवेदना को बचाए और बनाए रखने का अनूठा काम साहित्य ही करता है।…
दुनिया को पाठकों के सामने रखने की ताकत साहित्य में है। अनुमान और कल्पना के सहारे भी संवेदना को बचाए और बनाए रखने का अनूठा काम साहित्य ही करता है।…
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल अब हर अंक में बाल पाठकों को ध्यान में रखते हुए सरल और सहज साहित्य भी प्रकाषित करेगा। यह ज़रूरी भी है। आज जो बच्चे हैं…
ऐसे बदली नाक की नथ: 2005, पृष्ठ संख्या-20, प्रकाशक: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,नई दिल्लीऐसे बदला खानपुर: 2006, पृष्ठ संख्या-16, प्रकाशक: राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ शिक्षा) 68/1,सूर्यलोक कॉलोनी,राजपुर रोड,देहरादून।सवाल दस रुपए का…