-
आम की टोकरी
छह साल की छोकरी,भरकर लाई टोकरी। टोकरी में आम हैं,नहीं बताती दाम है। दिखा-दिखाकर टोकरी,हमें बुलाती छोकरी। हम को देती आम है,नहीं बुलाती नाम है। नाम नहीं अब पूछना,हमें आम है चूसना।*** यह…
-
बाल कविताओं में स्कूली जीवन
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल का यह अंक आज हमारे हाथ में हैं। बात जनवरी 2020 की है। हम सब कोविड 19 की ख़बरों को देख-सुनकर परेशान हुए थे। फिर फरवरी के अंत तक…
-
कविता एक: स्वाद अनेक
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल के इस अंक के लिए बाल- साहित्य का चयन चुनौतीपूर्ण रहा। तीव्रता के साथ समाज ऐसा बन रहा है जहाँ शारीरिक श्रम के प्रति संकीर्ण नज़रिया बढ़ रहा है।…
-
कक्षा में बातचीत की खिड़कियाँ हैं साहित्य
कन्हैया लाल मत्त की एक कविता सिर्फ चार पँक्तियों की है। चरखा बोला चर्रक चूँ/बुढ़िया के सिर पर है जूँ/आ बुढ़िया साबुन मल दूँ/जूँ की कर दूँ धम्मक धूँ। यह शानदार कविता है।…
-
वर्णमाला : मंगलेश डबराल की कविता
एक भाषा में अ लिखना चाहता हूँअ से अनार अ से अमरूदलेकिन लिखने लगता हूँ अ से अनर्थ अ से अत्याचारकोशिश करता हूँ कि क से क़लम या करुणा लिखूँलेकिन मैं लिखने लगता…
-
स्कूली किताब : कविता के मायने
आज के सन्दर्भ में ऐसी कविताएँ नहीं लिखी जानी चाहिए !अच्छा हुआ कम से कम भाषा की पाठ्य पुस्तकों में अब ये नहीं हैं ! उठो लाल अब आँखें खोलो पानी लायी हूँ…
-
बाल साहित्य: कैसी हों आज की बाल कहानियां
-मनोहर चमोली ‘मनु’छह साल की रिमझिम पापा से कहानी सुन रही थी। ‘टीनू रात को बाहर घूम रहा है। अंधेरा है। एक पेड़ ने थप्पड़ मारते हुए टीनू से कहा-‘‘तुम रात को कहां…
-
बहुसंख्यक पाठकों का प्रतिनिधित्व है ‘लल्ला और बिट्टी’ की कहानियों में।
-मनोहर चमोली ‘मनु’युवा साहित्यकार एवं पत्रकार शिव मोहन यादव की बाल कहानियों का संग्रह ‘लल्ला और बिट्टी’ पाठकों के लिए उपलब्ध है। लखनऊ के लोकोदय प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह में पन्द्रह सरल,सुलभ…
-
बाल पत्रिका: साल 2021 में नई आहट पायस की
-मनोहर चमोली ‘मनु’पायस यानि खीर ! दूध में पकाया हुआ चीनी या मीठा से चावलयुक्त एक बहुपसंदीदा व्यजंन है। ऐसा कौन-सा बच्चा होगा जिसे खीर पसंद न हो। पायस ऑनलाइन बाल पत्रिका जनवरी…
-