माना और अप्पू की दोस्ती



माना एक छोटा-सा लड़का है। वह जंगल में अपने पिता के साथ रहता है। उसका हमउम्र वहाँ कोई नहीं है। फिर भी उसका एक दोस्त है। हाथी। आए दिन दोनों जगल में यहाँ-वहाँ घूमते-फिरते हैं। हाथी का नाम अप्पू है।


किताब चित्रात्मक है। हाथी के बारे में प्यार वर्णन और चित्रण है। हाथी की सूंड़ अप्पू के लिए फौवारा है। अप्पू सूंड़ के सहारे और हाथी के कान पकड़कर उसके सिर से होता हुआ पीठ पर जा बैठता है। अप्पू की सवारी करते हुए माना जंगली जानवरों को देखता है। हिरण, खरगोश,पक्षी, बाघ आदि। वहीं वह नारियल, केला आदि फल तोड़ते हैं। खाते-पीते हैं। नदी के पानी का आनन्द उठाते हैं। अततः शाम होने पर माना अपने पिता के पास वापिस लौटता है।


बस! इत्ती सी है यह कहानी। कहानी में बाल सुलभता का वर्णन है। अचानक बाघ के आने से पाठक की जिज्ञासा बढ़ती भी है। इंसानों के जानवरों से रिश्तों पर भी पाठक सोचता-विचारता है। बच्चों के साथ बड़ों को जगदीश जोशी के बनाए चित्र भी अच्छे लगेंगे।


जगदीश जोशी कृत किताब ‘एक दिन . . .’ बाल मन की शानदार किताब है। हालांकि मूल रूप से यह किताब अंग्रेजी में प्रकाशित हुई थी। हिन्दी में यह साल 2000 में प्रकाशित हुई। इस किताब की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2020 में इसकी 12वीं आवृत्ति आ चुकी थी।


प्रख्यात चित्रकार जगदीश जोशी बाल साहित्य के लिए अनमोल चित्र बनाने वालों में एक रहे हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने साहित्य रचा भी। हिन्दी में भी और अंग्रेजी में भी। उन्नीस सौ सैंतीस में जन्मे जगदीश जोशी बच्चों की किताबों के चित्रकार के नाम से प्रसिद्ध रहे हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए उन्होंने सैकड़ों चित्र बनाए। साल दो हजार सोलह में उनका देहावसान हो गया।


किताब: एक दिन…
लेखक: जगदीश जोशी
अनुवाद: पृथ्वीराज मोंगा
मूल्य: 60
पेज संख्या: 32
पहला संस्करण: 2000
बारहवां संस्करण: 2020
प्रकाशक: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत
प्रस्तुति: मनोहर चमोली
सम्पर्क: 7579111144
मेल: chamoli123456789@gmail.com

Loading

By manohar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *