मीड डे मील पर आधारित नाटक : भोजन वाला स्कूल

पात्रसूत्रधार एक- गुरूसूत्रधार दो- चेला(पहला दृश्य){चेले का प्रवेश, गुरू पान चबाने के भाव में संवाद करेगा। गुरू-चेला संवाद भाव-अभिनय में शिक्षक-शिष्य से इतर चलेंगे।}चेला: गुरू प्रणाम।गुरू: जीता रे चेले, जीता…

‘अब तुम गए काम से’

'अब तुम गए काम से' पुस्तक का अनुवाद अंग्रेजी, मराठी, उर्दू,अरबी, इण्डोनेशिया, फारसी, फ्रेंच,हिंदी, कोरियन, संस्कृत,स्पेनिश-1,स्पेनिश-2,तमिल,Bengau,Romanioun और अब 'Zapoteco' में हो गया है। दुनिया के इतने मुल्कों की क्या बात…

परी सब ठीक कर देगी

-मनोहर चमोली ‘मनु’ जिया अपना तकिया कलाम कैसे भूल सकती है! जतिन और लता यही सोच रहे थे। जिया ने कहा था,‘‘पता नहीं। अब क्या होगा?’’ उसने अपना रिपोर्ट काॅर्ड…

माचिस की डिबिया

स्कूल की छुट्टी हुई। सभी स्कूल गेट की ओर बढ़ रहे थे। अभेद परेशान सा दिख रहा था। रेहाना ने पूछा, तो उसने घबराते हुए बताया, “अगले हफ्ते से एग्जाम…

बाल साहित्य: कैसी हों आज की बाल कहानियां

-मनोहर चमोली ‘मनु’छह साल की रिमझिम पापा से कहानी सुन रही थी। ‘टीनू रात को बाहर घूम रहा है। अंधेरा है। एक पेड़ ने थप्पड़ मारते हुए टीनू से कहा-‘‘तुम…

कभी अलविदा नहीं हमारे केआर !

‘‘मनोहर नमस्ते! मैं के॰आर॰शर्मा! कैसे हो?’’ कालू राम शर्मा जी का यह तकिया कलाम था। याद नहीं कि मैं उन्हें कम से जानता रहा हूँ। शायद बीस-इक्कीस साल का परिचय…

फूलों वाले बाबा

बहुत पुरानी बात है। पहाड़ में एक गाँव था। गाँव में पानी का एक ही स्रोत था। गाँव वाले इसे धारा कहते थे। समूचा जन-जीवन इसी धारा के सहारे टिका…