रिमझिम से बरसती हैं बच्चों की आवाज़ें
-मनोहर चमोली ‘मनु’रिमझिम-1 पहली कक्षा के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक है। पूरे पाँच बरस का पक्के बच्चों के लिए यह बेहतरीन किताब है। आवरण में बारिश हो रही है। हाथी,बन्दर,चूज़े,बत्तख,बिल्ली…
-मनोहर चमोली ‘मनु’रिमझिम-1 पहली कक्षा के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक है। पूरे पाँच बरस का पक्के बच्चों के लिए यह बेहतरीन किताब है। आवरण में बारिश हो रही है। हाथी,बन्दर,चूज़े,बत्तख,बिल्ली…
दुनिया को पाठकों के सामने रखने की ताकत साहित्य में है। अनुमान और कल्पना के सहारे भी संवेदना को बचाए और बनाए रखने का अनूठा काम साहित्य ही करता है।…
-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल अब हर अंक में बाल पाठकों को ध्यान में रखते हुए सरल और सहज साहित्य भी प्रकाषित करेगा। यह ज़रूरी भी है। आज जो बच्चे हैं…
पात्रसूत्रधार एक- गुरूसूत्रधार दो- चेला(पहला दृश्य){चेले का प्रवेश, गुरू पान चबाने के भाव में संवाद करेगा। गुरू-चेला संवाद भाव-अभिनय में शिक्षक-शिष्य से इतर चलेंगे।}चेला: गुरू प्रणाम।गुरू: जीता रे चेले, जीता…
'अब तुम गए काम से' पुस्तक का अनुवाद अंग्रेजी, मराठी, उर्दू,अरबी, इण्डोनेशिया, फारसी, फ्रेंच,हिंदी, कोरियन, संस्कृत,स्पेनिश-1,स्पेनिश-2,तमिल,Bengau,Romanioun और अब 'Zapoteco' में हो गया है। दुनिया के इतने मुल्कों की क्या बात…
एक भाषा में अ लिखना चाहता हूँअ से अनार अ से अमरूदलेकिन लिखने लगता हूँ अ से अनर्थ अ से अत्याचारकोशिश करता हूँ कि क से क़लम या करुणा लिखूँलेकिन…
-मनोहर चमोली ‘मनु’ जिया अपना तकिया कलाम कैसे भूल सकती है! जतिन और लता यही सोच रहे थे। जिया ने कहा था,‘‘पता नहीं। अब क्या होगा?’’ उसने अपना रिपोर्ट काॅर्ड…
आज के सन्दर्भ में ऐसी कविताएँ नहीं लिखी जानी चाहिए !अच्छा हुआ कम से कम भाषा की पाठ्य पुस्तकों में अब ये नहीं हैं ! उठो लाल अब आँखें खोलो…
स्कूल की छुट्टी हुई। सभी स्कूल गेट की ओर बढ़ रहे थे। अभेद परेशान सा दिख रहा था। रेहाना ने पूछा, तो उसने घबराते हुए बताया, “अगले हफ्ते से एग्जाम…