न टूटे मन

रक्षिता दौड़ते हुए कुसुम से लिपट गई। बोली,‘‘ममा। आज स्कूल के प्रोग्राम फाइनल हो गए हैं। मेरा भी सलेक्शन हुआ है। पता है, हमारी क्लास का एक ही प्रोग्राम सलेक्ट…