मंतुरिया
साहित्य में हिन्दी बाल साहित्य को अभी लोक जीवन में झांकने की नितांत आवश्यकता है। अमूमन बच्चों के लिए उपलब्ध साहित्य में कमोबेश नसीहतों,उपदेशों और आदर्श की तीव्र आग्रह दिखाई…
साहित्य में हिन्दी बाल साहित्य को अभी लोक जीवन में झांकने की नितांत आवश्यकता है। अमूमन बच्चों के लिए उपलब्ध साहित्य में कमोबेश नसीहतों,उपदेशों और आदर्श की तीव्र आग्रह दिखाई…
2 अक्तूबर ! जी हाँ। इस दिन का सम्बन्ध कई दृष्टिकोणों से अहम् होता है। लेकिन महात्मा गांधी को उनके जन्म दिवस के अवसर पर भी याद किया जाता है।…
कोविड काल के दौरान कोविड ड्यूटी करते हुए कोविड संक्रमित होते हुए कोविड का पालन करते हुए कोविड पर कुछ पठनीय सामग्री बनाने का काम विभाग ने अवसर दिया। सीमित…
गर्मी बहुत थी। इतनी गर्मी कि पेड़ों के पत्ते भी झुलस गए थे। गिद्ध ने अपने डैने फैलाये तो साँप बोल पड़ा,‘‘बारिश नहीं हुई। पानी के बिना जीवन नहीं। कई…
एक दिन की बात है। चूहे की माँ बोली,‘‘हमें अपने दाँतों को पैना रखना पड़ता है। लगातार कुछ न कुछ कुतरना होता है। तुम हो कि आलस करते हो। माना…
https://youtu.be/rKywiT8e1NA
तब बिल्ली मेढक की तरह फुदकती थी। जब वह चलती तो उसके पैरों से टक-टक की आवाज आती। घोड़ा कई बार बिल्ली से कहता,‘‘दूर-दूर तक सबको पता चल जाता है…
-मनोहर चमोली ‘मनु’‘‘स्कूल की फुटबाॅल और खो-खो टीम के लिए अच्छी ख़बर है। हम एक बार फिर से राज्य के लिए खेलेंगे। क्या पता! अगर राज्य में ये टीमें जीत…
-मनोहर चमोली ‘मनु’आज से मासिक परीक्षा हैं। यह सोचकर अखिल जल्दी उठ गया। उसे चिड़ियों की चहचहाट सुनाई दी। वह आंगन में गया। आगन में करतार सिंह चावल के दाने…
https://youtu.be/0o3SUJpkKtM