भावनाओं, संवेदनाओं और संभावनाओं से भरा व्यक्तित्व: मोहन चौहान

अगर कहीं मिलती बन्दूकउसको मैं करता दो टूकनली निकाल बना पिचकारीरंग देता यह दुनिया सारी।यह कविता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की है। यह भावना दुनिया के उन चंद लोगों के लिए…