पौड़ी के सिरोली में सम्पन्न हुआ 32वाँ उमेश डोभाल स्मृति समारोह
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि बदलते समाज में भी सामूहिकता ही हमें ज़िन्दा रख सकेगी। सभी को जोड़ना और मिल-जुलकर काम करना समय की मांग भी है। पत्रकार, लेखक, कवि, संस्कृतिकर्मी ही हैं जो समाज को बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हैं। यह काम जारी रहना चाहिए।

श्री नरेन्द्र सिंह नेगी आज पौड़ी के सिरौली गाँव स्थित राजकीय इण्टर कॉलेज, क्यार्क में आयोजित 32वें उमेश डोभाल स्मृति सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हर समाज को बेहतर दिशा में ले जाने का काम युवा पीढ़ी ही करती आई है। उमेश डोभाल जिस दौर में पत्रकारिता कर रहा था, वह दौर दूसरा था। लेकिन उसने जन सरोकार के मुद्दों को नहीं छोड़ा। आज ज़रूरत इस बात की है कि हम समाज के हित में बोलें। सवाल करें। प्रतिक्रिया दें।

वरिष्ठ पत्रकार एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविन्द पन्त ‘राजू’ ने कहा कि यह 32वां आयोजन है। सभी के सहयोग से विभिन्न स्थलों पर होने वाला दो दिवसीय आयोजन यह बताता है कि सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध लोग समाज में हमेशा मौजूद रहते हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता का चरित्र हर काल में एक जैसा ही रहता है। आज चारों ओर असंतोष बढ़ता जा रहा है। लोग हताश और निराश हैं। जनता के मुद्दे हाशिए पर हैं। लगातार गाँव के गाँव उजड़ रहे हैं। आम मुद्दे ज्यों के त्यों हैं। ऐसे में किसी मंच पर स्वस्थ समाज के लिए बहस-चर्चा करना आज ज़रूरी हो गया है।
नैनीताल समाचार के संपादक, वरिष्ठ पत्रकार एवं बोर्ड ऑफ ट्रस्टी राजीव लोचन साह ने उत्तराखण्ड में पत्रकारिता, दशा और दिशा विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व और उसके बाद पत्रकारिता का चरित्र भी बदला है। अख़बार भी बदले हैं। पत्रकारिता का स्वभाव भी बदला है। आज चारों ओर नफ़रत का माहौल है। भारतीयता को धर्म, जाति और सम्प्रदाय में बदल दिया गया है। व्हाट्स एप पर निर्भर जनता के मूड को एक खास दिशा की ओर मोड़ दिया गया है। हम और आप समझने को तैयार नहीं है कि हमारी सामुदायिक सांस्कृतिक विविधता को इरादतन कमजोर किया जा रहा है। इस अवसर पर श्री राजीव ने उमेश की पत्रकारिता के दौर को भी याद किया।
पत्रकार पी॰सी॰ तिवारी ने कहा कि आज ज़रूरत है कि उमेश डोभाल की परंपरा के साथ खड़े होने वाले समान विचार रखने वाले पत्रकारों, लेखकों, शिक्षकों, आम जनमानस को भी ट्रस्ट के साथ जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत सारी चीज़ें, बातें, साधन बढ़ गए हैं। हमारी सामाजिक, सामुदायिक, राजनीतिक चेतना को कुंद कर दिया गया है। हम आम और ज्वलंत मुद्दों से भी दूर होते जा रहे हैं। हमें जनता के बीच जाना होगा। संवाद कायम रखते रहना होगा।
सम्मान समारोह के दूसरे दिन के पहले सत्र का संचालन डॉ॰ योगेश धस्माना ने किया। उन्होंने सबसे पहले उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के उद्देश्यों को भी रेखांकित किया। इस अवसर पर उन्होंने दिवंगत हो चुके पत्रकार और ट्रस्ट के साथियों को याद किया। राजेन्द्र रावत ‘राजू’, एल॰मोहन कोठियाल, बी॰मोहन नेगी को भी याद किया गया। डॉ॰ योगेश धस्माना ने कहा कि उमेश डोभाल की धारा के साथ बहना आज और भी कठिन होता जा रहा है। लेकिन कहीं न कहीं पत्रकारिता और लेखन में कुछ लोग हैं जो उम्मीद, आशा और आस बनाए रखते हैं।
दूसरे दिन के प्रारम्भ में जनता के मुद्दों को लगातार जनता के बीच जनगीतों से अलख जगाने वाले जयदीप सकलानी और सतीश धौलाखण्डी ने जनगीत सुनाए। प्रारम्भिक सत्र में हिमांशु जोशी, हेम गैरोला, डॉ॰ अरुण कुकसाल ने भी संबोधित किया। हिमांशु ने कहा कि पत्रकारिता में नज़र का असर होता है। ख़बरें तो यहाँ-वहाँ होती है। बस हमें उसे उठाना होता है। आम आदमी के मुद्दों और उसके जीवन को करीब से देखने की ज़रूरत होती है। हेम गैरोला ने उमेश डोभाल के समय को याद करते हुए कहा कि तब सम्पर्क के और आवागमन के साधन कम थे। तब चुनौतियाँ भी खू़ब थीं। स्थानीयता को राष्ट्र स्तर पर ले जाने के लिए ख़ूब प्रयास करने होते थे। ख़बरें की विश्वसनीयता बहुत थी। डॉ॰ अरुण कुकसाल ने कहा कि सामाजिक समरसता और सौहार्द के लिए पढ़ने-लिखने की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए जगह-जगह अपने स्तर पर प्रयास करते रहने होगे।
समारोह में प्रगतिशील साहित्य का कोना भी उपलब्ध था। उत्तराखण्ड का अग्रणी प्रकाशन ‘समय साक्ष्य’ की भी उपस्थिति पूरे आयोजन में बनी रही। इस अवसर पर दगड़या ग्रुप पौड़ी को और चामी टीनएजर्स क्लब, चामी को भी सम्मानित किया गया। उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट की ओर से दोनों समूहों को, सम्मान-पत्र, पच्चीस-पच्चीस हज़ार रुपए की धनराशि दी गई। दगड़या ग्रुप को महिला मंगल दल सिरोली की ओर से अमिता डोभाल ने स्मृति चिह्न भी भेंट किया। प्रशस्ति वाचन डॉ॰ मदन मोहन नौडियाल ने किया। प्रशस्ति भेंट नरेन्द्र सिंह नेगी के हाथों दी गई। प्रतीक चिह्न गोविन्द राम डोभाल के हाथों प्रदान किया गया। क्लब की ओर से बैग रतनमणि भट्ट द्वारा प्रस्तुत किए गए। चामी टीन एजर्स ग्रुप को यह सम्मान-पत्र जयदीप सकलानी एवं मनीष सुन्दिरियाल ने भेंट किया। चामी टीन एजर्स का प्रशस्ति वाचन सुभाषचन्द्र ने किया। प्रशस्ति भेंट नरेन्द्र सिंह नेगी के कर कमलों से दी गई। महिला मंगल दल सिरोली एवं अमिता डोभाल रतूड़ी के हाथों प्रतीक चिह्न दिया गया।
सोशल मीडिया पुरस्कार 2025 युवा पत्रकार प्रेम पंचोली को दिया गया। इस अवसर पर दिनेश डोभाल ने अंगवस्त्र से भी सुशोभित किया। प्रशस्ति वाचन विनय शाह ने किया। प्रतीक चिह्न डॉ॰ अरुण कुकशाल ने प्रदान किया। प्रशस्त्रि भेंट नरेन्द्र सिंह नेगी के कर कमलांे से प्रदान की गई।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पुरस्कार 2025 युवा पत्रकार किशन चन्द्र जोशी को दिया गया। इस अवसर पर उन्हें विनोद बडोनी ने अंगवस्त्र से भी सुशोभित किया। प्रशस्ति वाचन यमुना राम ने किया। प्रतीक चिह्न पी॰सी॰ तिवारी ने प्रदान किया। प्रशस्त्रि भेंट नरेन्द्र सिंह नेगी के कर कमलांे से प्रदान की गई।
राजेन्द्र रावत राजू जन सरोकार सम्मान वर्ष 2025 संस्कृतिकर्मी समीर शुक्ल को दिया गया। इस अवसर पर उन्हें प्रेम पिरम ने अंगवस्त्र से भी सुशोभित किया। प्रशस्ति वाचन डॉ॰ कमलेश मिश्रा ने किया। प्रतीक चिह्न सत्य नारायण रतूड़ी ने प्रदान किया। प्रशस्त्रि भेंट नरेन्द्र सिंह नेगी के कर कमलांे से प्रदान की गई।
गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ जनकवि सम्मान वर्ष 2025 युवा एक्टीविस्ट हर्ष काफ़र को दिया गया। इस अवसर पर उन्हें रवि रावत ने अंगवस्त्र से भी सुशोभित किया। प्रशस्ति वाचन मनीष सुन्दरियाल ने किया। प्रतीक चिह्न सुरेन्द्र सिंह रावत ‘सूरी’ भाई ने प्रदान किया। प्रशस्त्रि भेंट नरेन्द्र सिंह नेगी के कर कमलांे से प्रदान की गई।

उमेश डोभाल स्मृति सम्मान 2025 महावीर रवांल्टा को प्रदान किया। प्रशस्ति वाचन ट्रस्ट के महासचिव नरेश चन्द्र नौडियाल ने किया। इस अवसर पर उन्हें प्रशान्त नेगी ने अंगवस्त्र से भी सुशोभित किया। प्रतीक चिह्न गोविन्द पंत राजू ने प्रदान किया। प्रशस्त्रि भेंट नरेन्द्र सिंह नेगी के कर कमलांे से प्रदान की गई।

उमेश डोभाल स्मृति सम्मान वर्ष 2025 से सम्मानित महावीर रवांल्टा ने कहा कि आज के समय में वह लेखक, कवि और पत्रकार नहीं है जो समाज के साथ रहकर समाज के बीच में रहकर सामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं है। हमारा लेखन तभी सार्थक होगा जब हम समाज में रहकर आम आदमी के हक में खड़े हों।
राजेन्द्र रावत राजू जन सरोकार सम्मान वर्ष 2025 से सम्मानित समीर शुक्ल ने कहा कि बच्चांे और महिलाओं के बीच काम करने की ज़रूरत आज भी है। पर्यटन के साथ-साथ हमें हिमालयी धरोहर को समझने की ज़रूरत है। हमें पहाड़ के सरोकारों को समझना होगा और उसे बचाए और बनाए रखने के लिए काम करना होगा। श्री रवांल्टा ने रवांई गीत भी सुनाया।
गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ जनकवि सम्मान 2025 से सम्मानित हर्ष काफ़र ने कहा कि यात्राएं हमें समझाती है। विचार देती हैं। बदलाव से पहले तो समझना है। हमें पहाड़ और हिमालय को समझना है। अपनी माटी के साथ हाशिए के समाज के भीतर के मर्म को समझना है। राज्य की भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सम्पदाओं के पक्ष में खड़ा होना है। उन्होंने अपनी कुछ कविताएं भी सुनाईं।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पुरस्कार 2025 से सम्मानित किशन चन्द्र जोशी ने कहा कि राज्य के मुद्दों पर अभी और काम करने की आवश्यकता है। समय के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी बदल गया है। सोशल मीडिया ने इसके प्रभाव को कम कर दिया है। मीडिया की अपनी नीतियां भी ख़बरों के प्रसारण और अवधि को नियंत्रित करती हैं।
सोशल मीडिया पुरस्कार 2025 से सम्मानित प्रेम पंचोली ने अपने संघर्ष को भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में बाय लाइन से इतर पत्रकार की पहचान नहीं रहती। वे पत्र-पत्रिकाएं ज़्यादा लोकतांत्रिक होती हैं जो पत्रकार का नाम समाचार के साथ छापती हैं। कई बार ख़बरों की महत्ता के कारण अख़बार पत्रकार का नाम नहीं बताया करते थे। लेकिन आजकल अख़बार पत्रकारों को गाइडलाइन देते हैं कि यह खबरें बनाइए। वह न बनाइए। उन्होंने क्षेत्रीय, साप्ताहिक अख़बारों के महत्त्व को भी रेखांकित किया।
समारोह स्थल पर आशीष नेगी एवं बी॰ मोहन नेगी के पुत्र आशीष मोहन नेगी की कला दीर्घा को भी खूब सराहा गया। ट्रस्ट को उमेश डोभाल की छोटी बहिन सरला उनियाल ने दस हजार रुपए बतौर सहयोग हेतु प्रदान किए। इस अवसर पर नीलम नेगी, ललित बिजल्वाण, मनोज गुनियाल, सुभाष, भावना पाण्डे, दिनेश उपाध्याय, डॉ॰ रमेश दानू के सहयोग को भी रेखांकित किया गया। नवांकुर नाट्य समूह ने पहले दिन सांस्कृतिक यात्रा के साथ सफ़दर हाशमी कृत नाटक औरत का मंचन भी किया। इस अवसर पर दगड़िया समूह और महिला मंगल दल सिरोली द्वारा सांस्कृतिक संध्या ने भी आयोजन को शानदार बनाया। राजकीय इण्टर कॉलेज क्यार्क के शिक्षक साथी जयदीप रावत, संतोष ध्यानी का सहयोग रहा। पूर्व शिक्षक साथी केसर सिंह असवाल भी आयोजन स्थल पर उपस्थित रहे।
ट्रस्ट की ओर से सभी का धन्यवाद ट्रस्ट के पूर्व महासचित आशीष नेगी ने किया।

आयोजन स्थल संयोजक कृपाल सिंह रावत का सहयोग अविस्मरणीय रहा। ग्राम च्वींचा, भितांई, सिरोली सहित क्षेत्र के बच्चों, नौजवानों सहित नागरिकों का सहयोग सराहनीय रहा। ट्रस्टी रवि रावत, दिनेश डोभाल का सहयोग पूरे आयोजन में बना रहा। सिरोली, डोभ, क्यार्क, केसुन्दर, बमठी, एकेश्वर, पुरियाडांग, बाड़ा, कोठार, भितांई से भी सहभागिता रही।
लिखित पंजीकरण दर्शाता है कि ग्राम सिरोली में आयोजित इस दो दिवसीय समारोह में 174 से अधिक छात्रों,युवाओं,महिलाओं, बुजुर्गो,पत्रकारों एवं लेखकों ने भागीदारी की। आयोजक मण्डल और सहयोगियों को जोड़ लें तो लगभग 200 श्रोताओं ने वक्ताओं को सुना और अप्रत्यक्ष तौर पर ही सही विमर्श में हिस्सा लिया।

देहरादून से समर्थ, विजय प्रतीक, विजय, संजय, सुनील भट्ट, अगस्तमुनि से, रिचा पाण्डे, योगेश पोखरियाल, दिल्ली से विजय लक्ष्मी डोभाल, देहरादून से तुषार रतूड़ी, कनुप्रिया, राजेश बेलवाल, पावनी बहुगुणा, भावना पाण्डे अल्मोड़ा से, संजीव भगत नैनीताल से, किशन जोशी, एस.पी.तिवारी, विनोद बडोनी, चमियाला से,धीरेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला से,रुद्र जोशी एवं मीनाक्षी जोशी, अलमोड़ा से, राजेन्द्र सिह, टिहरी से, सुनीता, यश डोभाल, निखिल शाह, प्रीति रावत, चमोली से करीना बिष्ट, नवदीप सिंह की सक्रियता सराहनीय रही। दूसरे दिन सहभागियों का स्वागत ट्रस्ट के महासचिव नरेश चन्द्र नौडियाल एवं स्थानीय संयोजक कृपाल सिंह रावत ने किया।












































