साहित्य,कला,संगीत और नृत्य ही मनुष्यता को बचा सकते हैं: वर्षा दासगुप्ता

कथक नृत्यांगना वर्षा दासगुप्ता ने कहा कि भारत की कला, संगीत और नृत्य के परम्परागत घराने सिमटते जा रहे हैं। आज ज़रूरत इस बात की है कि बाल्यकाल से ही…