‘शॉल का आखि़र क्या हुआ?’

‘शॉल का आखि़र क्या हुआ?’ एक बोध कथा है। इसका पुनर्लेखन अरविन्द गुप्ता ने किया है। किताब के चित्र देबस्मिता दासगुप्ता ने बनाए है। बोध कथा का शानदार सरलीकरण पढ़ते…

‘अंतरिक्ष में मक्खी’ सन् 47 में पहुँच गई थी !

किताब के शीर्षक ने चौंकाया। कहानी की शुरुआत से लगा कि यह सूचनाओं को जबरन ठूंसने वाले इरादे से लिखी गई है। लेकिन, तीसरे ही वाक्य के तौर पर जब…

अक्कू हुई गुस्सा

क्या आप कभी स्कूल की छुट्टी का घण्टा बजने से पहले अपने घर के बच्चों को लेने पहुँचे हैं? यदि हाँ तो आपको यह किताब पढ़नी चाहिए। नहीं? तब भी…

किताब : ‘गुस्सा’ सोचने पर बाध्य करती है

कुलवंत कोछड़ कृत किताब ‘गुस्सा’ एक शानदार कहानी बन पड़ी है। कहानी की किताब के चित्र अजंता गुहाठाकुरता ने बनाए हैं। पाठकों के लिए यह किताब राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत…