कविता एक: स्वाद अनेक

-मनोहर चमोली ‘मनु’शैक्षिक दख़ल के इस अंक के लिए बाल- साहित्य का चयन चुनौतीपूर्ण रहा। तीव्रता के साथ समाज ऐसा बन रहा है जहाँ शारीरिक श्रम के प्रति संकीर्ण नज़रिया…

कक्षा में बातचीत की खिड़कियाँ हैं साहित्य

कन्हैया लाल मत्त की एक कविता सिर्फ चार पँक्तियों की है। चरखा बोला चर्रक चूँ/बुढ़िया के सिर पर है जूँ/आ बुढ़िया साबुन मल दूँ/जूँ की कर दूँ धम्मक धूँ। यह…

रिमझिम से बरसती हैं बच्चों की आवाज़ें

-मनोहर चमोली ‘मनु’रिमझिम-1 पहली कक्षा के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक है। पूरे पाँच बरस का पक्के बच्चों के लिए यह बेहतरीन किताब है। आवरण में बारिश हो रही है। हाथी,बन्दर,चूज़े,बत्तख,बिल्ली…

सहज बनाता साहित्य

दुनिया को पाठकों के सामने रखने की ताकत साहित्य में है। अनुमान और कल्पना के सहारे भी संवेदना को बचाए और बनाए रखने का अनूठा काम साहित्य ही करता है।…

मीड डे मील पर आधारित नाटक : भोजन वाला स्कूल

पात्रसूत्रधार एक- गुरूसूत्रधार दो- चेला(पहला दृश्य){चेले का प्रवेश, गुरू पान चबाने के भाव में संवाद करेगा। गुरू-चेला संवाद भाव-अभिनय में शिक्षक-शिष्य से इतर चलेंगे।}चेला: गुरू प्रणाम।गुरू: जीता रे चेले, जीता…